
बेटियों को लेकर समाज में वर्षों से चली आ रही सोच को बदलने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। इन्हीं में से एक है मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, जो साल 2025 में भी पूरे प्रदेश में लागू है। यह योजना बेटियों के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा और स्नातक तक के सफर में मदद करती है। इसका उद्देश्य बेटियों को बराबरी का दर्जा देना, उन्हें शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाना है।
आज भी कई जगहों पर बेटियों को बोझ समझा जाता है, उन्हें शिक्षा से वंचित कर दिया जाता है। ऐसे में यह योजना सरकार द्वारा एक सराहनीय प्रयास है जो समाज में बदलाव लाने का काम कर रही है।
योजना का विस्तृत उद्देश्य
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक सहायता देना है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। यह योजना लड़कियों के विकास में बाधक बनने वाली आर्थिक समस्याओं को दूर करने का प्रयास करती है।
सरकार चाहती है कि हर बेटी को पढ़ाई का अवसर मिले और परिवार को उसकी शिक्षा में पैसे की कमी महसूस न हो। इससे लिंग अनुपात में भी सुधार आता है और समाज में बेटियों के प्रति सम्मान बढ़ता है।
योजना की चरणबद्ध सहायता राशि
इस योजना को सरकार ने 6 चरणों में बांटा है ताकि बेटी के जीवन के हर महत्वपूर्ण मोड़ पर उसे आर्थिक सहारा मिल सके। नीचे तालिका के माध्यम से यह जानकारी दी जा रही है:
चरण संख्या | सहायता कब मिलती है | राशि (₹) |
---|---|---|
पहला | बेटी के जन्म के समय | 2,000 |
दूसरा | एक साल की उम्र पर, टीकाकरण पूरा होने पर | 1,000 |
तीसरा | कक्षा 1 में दाखिले पर | 2,000 |
चौथा | कक्षा 6 में प्रवेश पर | 2,000 |
पाँचवां | कक्षा 9 में प्रवेश पर | 3,000 |
छठा | स्नातक, डिप्लोमा या समकक्ष पाठ्यक्रम में प्रवेश पर | 5,000 |
कुल राशि | — | 15,000 रुपये |
पात्रता मानदंड
इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ योग्यताएं निर्धारित की गई हैं, जो इस प्रकार हैं:
- लाभार्थी उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए।
- परिवार की वार्षिक आय 3 लाख रुपये या उससे कम होनी चाहिए।
- एक परिवार की अधिकतम दो बेटियां ही योजना का लाभ उठा सकती हैं।
- बेटी की उम्र जन्म से 18 वर्ष तक होनी चाहिए।
- बेटी को पढ़ाई किसी सरकारी या मान्यता प्राप्त स्कूल या कॉलेज में करनी चाहिए।
आवेदन प्रक्रिया
योजना के लिए आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन होता है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है। आवेदन करने की प्रक्रिया बहुत सरल है:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: https://mksy.up.gov.in
- “नया पंजीकरण करें” पर क्लिक करें
- माता-पिता का आधार नंबर और मोबाइल नंबर दर्ज करें
- OTP से वेरिफिकेशन करें
- लॉगिन करें और बेटी की जानकारी भरें
- जरूरी दस्तावेज़ अपलोड करें
- आवेदन फॉर्म सबमिट करें और उसकी प्रति सेव करें
आवश्यक दस्तावेज़
- माता या पिता का आधार कार्ड
- बालिका का आधार कार्ड या जन्म प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र (उत्तर प्रदेश का)
- परिवार की आय प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक पासबुक की फोटो कॉपी (बेटी या माता-पिता की)
योजना के लाभ
- बेटी के जन्म से लेकर पढ़ाई तक हर चरण में मदद
- परिवार को आर्थिक बोझ से राहत
- बेटी के आत्मविश्वास और समाज में स्थान में सुधार
- बाल विवाह को रोकने में सहायता
- बालिकाओं की शिक्षा दर में वृद्धि
योजना की सफलता और प्रभाव
पिछले कुछ वर्षों में इस योजना से लाखों बेटियों को फायदा मिला है। वर्ष 2022 तक लगभग 12 लाख से अधिक लाभार्थी बालिकाएं इस योजना के तहत सहायता प्राप्त कर चुकी थीं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इससे स्कूलों में बेटियों का नामांकन बढ़ा है और कई जगहों पर बाल विवाह की घटनाएं घटी हैं।
योजना से जुड़ी निगरानी और भुगतान की प्रक्रिया भी पूरी तरह डिजिटल है, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना नहीं के बराबर रहती है।
सरकार का संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का कहना है कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ को तभी सफल बनाया जा सकता है जब बेटियों को समान अवसर मिलें। कन्या सुमंगला योजना इसी सोच को आगे बढ़ाती है।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना 2025 उत्तर प्रदेश सरकार की एक अनोखी पहल है जो न सिर्फ आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की मदद करती है बल्कि समाज में बेटियों के प्रति सोच को भी सकारात्मक बनाती है। यदि आपके घर में योग्य बेटी है, तो इस योजना का लाभ जरूर लें और उसकी शिक्षा तथा भविष्य को मजबूत बनाएं।